- इन सांसदों ने बुलेट प्रूफ़ गाड़ी से दौरा किया जिनके साथ सुरक्षा बलों का एक दल था. इन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से सेना श्रीनगर के एक होटल लेकर गई थी. ज़्यादातर सांसदों की पार्टी दक्षिणपंथी विचारधारा वाली है. ये सभी निजी हैसियत से कश्मीर दौरे पर आए हैं.
- इन सांसदों की मुलाक़ात जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम और पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह से भी हुई. इसके अलावा ये हाल ही में चुने गए पंचायत प्रमुखों से भी मिले. कहा जा रहा है कि इन सांसदों की मुलाक़ात प्रमुख सिविल सोसाइटी से नहीं हुई. बीबीसी संवाददाता रियाज़ मसरूर का कहना है कि सांसदों के इस दल ने स्थानीय लोगों से मुलाक़ात नहीं की और सेना के साथ कुछ स्थानों पर गए.
- इन सांसदों के दौरा डल झील
- यूरोपियन पार्लियामेंट के सदस्य क्रिस डेविस को भी इस दल के साथ आना था लेकिन उनका दावा है कि उन्हें दिया गया न्योता बाद में वापस ले लिया गया और उन्हें पैनल में जगह नहीं दी गई. उत्तर पश्चिम इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करने वाले डेविस के मुताबिक़ इस दौरे के लिए उन्होंने भारतीय प्रशासन के सामने एक शर्त रखी थी. वो शर्त ये थी कि कश्मीर में उन्हें 'घूमने-फिरने और लोगों से बातचीत करने की आज़ादी दी जाए'.
- डेविस ने बीबीसी से ख़ास बातचीत में कहा, "मैंने कहा कि मैं कश्मीर में इस बात की आज़ादी चाहता हूं कि जहां मैं जाना चाहूं जा सकूं और जिससे बात करना चाहूं, उससे बातचीत कर सकूं. मेरे साथ सेना, पुलिस या सुरक्षा बल की जगह स्वतंत्र पत्रकार और टेलीविजन का दल हो. आधुनिक समाज में प्रेस की स्वतंत्रता बेहद अहम है. किसी भी परिस्थिति में हम समाचारों में कांट छांट की इजाज़त नहीं दे सकते हैं. जो कुछ हो रहा है उसके बारे में सचाई और ईमानदारी से रिपोर्टिंग होनी चाहिए."
- में भ्रमण के साथ ख़त्म हुआ. डल झील कश्मीर का बहुत ही लोकप्रिय ठिकाना है. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार बोटिंग के ज़रिए ये सांसद सेंटॉर होटल के क़रीब से गुजरे जहां 30 से ज़्यादा नेताओं और एक्टिविस्टों को बंद करके रखा गया है.
- इससे पहले भारत ने अमरीकी सीनेटर क्रिस वान हॉलेन के कश्मीर जाने के अनुरोध को ठुकरा दिया था. विपक्षी पार्टी कांग्रेस और सीपीएम ने कहा है कि भारतीय नेताओं और सांसदों पर कश्मीर जाने को लेकर सरकार ने पाबंदी लगा रखी है और विदेशी सांसदों को जाने दे रही है.
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर
पूछा था, ''यूरोप के सांसदों का जम्मू-कश्मीर में एक निर्देशित दौरे का
स्वागत किया जा रहा है जबकि भारतीय सांसदों के जाने पर पाबंदी लगी है.''स्थानीय टीवी चैनलों पर मंगलवार देर रात जैसे ही कश्मीर घाटी में चरमपंथियों के हाथों पांच मज़दूरों की हत्या की खबर फ्लैश हुई, हज़ारों किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के दो गांवों में सन्नाटा फैल गया.लोग तुरंत अपनों की ख़ैरियत जानने के लिए फ़ोन मिलाने लगे. कुछ लोग भाग्यशाली रहे, लेकिन कुछ लोगों की आशंका सच साबित हुई.
ऐसे ही लोगों में अजिदा बीबी भी हैं. उनके पति कमरुद्दीन भी मृतकों में शामिल हैं.
सेब तोड़ने के सीजन में इस ज़िले के कई गांवों से सैकड़ों लोग मज़दूरी के लिए कश्मीर घाटी जाते रहे हैं.
रात को पुलिस की एक टीम ने भी जिले के बहालनगर और ब्राह्मणी गांवों का दौरा किया था. कल रात से ही पूरे इलाके में मरघट जैसा सन्नाटा छाया हुआ है.
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